ब्राजील

Fifa-World-Cup-20


विश्व रैंकिंग : 3
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन : विजेता (1958, 62, 70, 94, 2002)

खास बात
ऐसा देखा गया है कि फुटबॉल विश्व कप में घरेलू टीमें हमेशा से बढ़िया प्रदर्शन करती आई हैं. ब्राजील जैसी प्रतिभाओं से भरी टीम के लिए यह सोने पे सुहागा वाली स्थिति है. इस अनुकूल माहौल में अपने हजारों प्रशंसकों से घिरी ब्राजील की टीम फाइनल जीतने की बड़ी दावेदार है

ब्राजील 64 साल से इस मौके के इंतजार में था, 16 जुलाई 1950 को रियो डी जेनेरो के माराकाना स्टेडियम में उरुग्वे के हाथों फाइनल हारने के बाद से ही. उस हार का सदमा ब्राजील के जेहन में आज तक कायम है. इस दौरान विदेशी जमीन पर मिली पांच खिताबी जीत भी उस घाव को भर नहीं पाईं. ब्राजील जब क्रोएशिया के खिलाफ अपने खिताबी अभियान की शुरुआत कर रहा था तब वह सदमा सबके अवचेतन में कहीं न कहीं मौजूद था. लेकिन कोच लुई फेलिप स्कोलारी ने एक ऐसी टीम गढ़ी है जो उस सदमे से उबर कर अपना मनोबल कायम रख पाने में सक्षम है. स्कोलारी पहले भी विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रह चुके हैं. उन्हीं की निगरानी में रोनाल्डो, रोनाल्डीन्हो से सजी ब्राजीली टीम ने 2002 का खिताब अपने नाम किया था. मौजूदा टीम में जबर्दस्त प्रतिभा है. समस्या सिर्फ एक स्तर पर है टीम के बीच आपसी तालमेल थोड़ा कमजोर है. डिफेंड करने के लिए ब्राजील के पास दुनिया के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों का पूल है. थियागो सिल्वा और ताजादम डेविड लुइज का नाम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ डिफेंडरों में आता है. ब्राजील की पहचान रही है उसका अभेद्य डिफेंस. इस श्रेणी में दानी एल्विस और मार्सेलो का नाम भी लिया जा सकता है. यही बात पॉलिन्हो और लुइज गुस्लाव के बारे में भी कही जा सकती है. इसके अलावा ऑस्कर भी हैं जिन पर कोच स्कोलारी को पूरा भरोसा है. लेकिन टीम का सबसे उदीयमान सितारा है नेमार. हालांकि यह खिलाड़ी अब तक लॉयोनेल मेसी या रोनाल्डो जितनी बड़ी शख्सियत तो नहीं बन सका है लेकिन उम्मीद है कि यह विश्व कप उन्हें उस कतार में शामिल करवा देगा. क्रोएशिया के खिलाफ दो गोल करके उन्होंने इस दिशा में कदम भी बढ़ा दिया है.